नई दिल्ली।
सरकारी कर्मचारियों के लिए एक खुशखबरी है। जनवरी 2016 से सरकार सातवां वेतन आयोग लागू करने जा रही है। इसके बाद केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों को और 55 लाख पेंशनभोगियों को इसका लाभ मिलेगा। जस्टिस ऐ.के. माथुर की अध्यक्षता वाला आयोग जो कि 7वें वेतन आयोग के लिए बनाया गया है, का गठन फरवरी 2014 में उत्तर प्रदेश सरकार ने किया था। वित्त सचिव रतन पी.वातल ने बताया कि यह आयोग अपनी रिपोर्ट दिसंबर तक दे देगा। इस आयोग को 18 महीने का वक्त दिया गया था लेकिन अगस्त में इसको दी गई समय सीमा बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दी गई।
मीना अग्रवाल इस आयोग की सचिव हैं जबकि अन्य सदस्यों में 1978 बैच के सेवानिवृत आईएएस अधिकारी, विवेक राय और अर्थशास्त्री रथिन रॉय शामिल हैं। इससे पहले सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को एक जनवरी 2006 से और पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशों को एक जनवरी 1996 से लागू किया था। केंद्रीय कर्मियों को सातवें वेतन आयोग का बड़ी बेसब्री से इंतजार है।
उन्हें उम्मीद है कि उनके वेतनमान में बड़ी बढ़ोत्तरी होगी। लेकिन मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार इस वेतन आयोग से केंद्रीय कर्मियों को कुछ खास फायदा नहीं होने वाला है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वेतन में मात्र 15-20 फीसदी की ही बढ़ोत्तरी होगी। लेकिन न्यूनतम मूल वेतन को बढ़ाकर 15 हजार किये जाने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि वेतन आयोग जल्दी ही अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगा। आयोग अपनी रिपोर्ट को अंतिम रिपोर्ट देने में जुटा है. कयास यह भी लगाये जा रहे हैं कि आयोग सरकार से यह सिफारिश भी कर सकता है कि अधिकतम सेवाकाल 33 वर्ष कर दी जाये। जिसके कारण कई लोग 60 वर्ष से पहले रिटायर हो जायेंगे।
छठे वेतन आयोग में न्यूनतम मूल वेतन को 3050 से बढ़ाकर 7730 किया गया था और सातवें वेतन आयोग में इसे 15000 हजार करने की सिफारिश की जा सकती है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए एक खुशखबरी है। जनवरी 2016 से सरकार सातवां वेतन आयोग लागू करने जा रही है। इसके बाद केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों को और 55 लाख पेंशनभोगियों को इसका लाभ मिलेगा। जस्टिस ऐ.के. माथुर की अध्यक्षता वाला आयोग जो कि 7वें वेतन आयोग के लिए बनाया गया है, का गठन फरवरी 2014 में उत्तर प्रदेश सरकार ने किया था। वित्त सचिव रतन पी.वातल ने बताया कि यह आयोग अपनी रिपोर्ट दिसंबर तक दे देगा। इस आयोग को 18 महीने का वक्त दिया गया था लेकिन अगस्त में इसको दी गई समय सीमा बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दी गई।
मीना अग्रवाल इस आयोग की सचिव हैं जबकि अन्य सदस्यों में 1978 बैच के सेवानिवृत आईएएस अधिकारी, विवेक राय और अर्थशास्त्री रथिन रॉय शामिल हैं। इससे पहले सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को एक जनवरी 2006 से और पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशों को एक जनवरी 1996 से लागू किया था। केंद्रीय कर्मियों को सातवें वेतन आयोग का बड़ी बेसब्री से इंतजार है।
उन्हें उम्मीद है कि उनके वेतनमान में बड़ी बढ़ोत्तरी होगी। लेकिन मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार इस वेतन आयोग से केंद्रीय कर्मियों को कुछ खास फायदा नहीं होने वाला है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वेतन में मात्र 15-20 फीसदी की ही बढ़ोत्तरी होगी। लेकिन न्यूनतम मूल वेतन को बढ़ाकर 15 हजार किये जाने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि वेतन आयोग जल्दी ही अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगा। आयोग अपनी रिपोर्ट को अंतिम रिपोर्ट देने में जुटा है. कयास यह भी लगाये जा रहे हैं कि आयोग सरकार से यह सिफारिश भी कर सकता है कि अधिकतम सेवाकाल 33 वर्ष कर दी जाये। जिसके कारण कई लोग 60 वर्ष से पहले रिटायर हो जायेंगे।
छठे वेतन आयोग में न्यूनतम मूल वेतन को 3050 से बढ़ाकर 7730 किया गया था और सातवें वेतन आयोग में इसे 15000 हजार करने की सिफारिश की जा सकती है।
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